'औरत का कोई देश नहीं।' ये बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन की किताब का शीर्षक है। यह यूक्रेनी महिलाओं पर सच होता दिख रहा है। यूक्रेन में रूसी सैनिकों के कत्लेआम और बर्बरता की गवाह दुनिया बन रही है। हर रोज यूक्रेन से दरिंदगी की एक नई कहानी सामने आ रही है।
रूसी सैनिकों ने लड़कियों को टॉर्चर करने के लिए बाल पकड़कर खींचा
इस छोटे से गांव में रूसी सैनिकों ने लड़कियों के साथ बेहद क्रूरता दिखाई है। जान बचाने के लिए बेसमेंट में छिपी लड़कियों को बाल से खींचकर बाहर निकाला गया और फिर उन्हें टॉर्चर किया गया। इसका नतीजा ये हुआ कि अब वहां की लड़कियां बदसूरत दिखने के लिए बाल छोटे करवा रही हैं। उन्हें लगता है कि अगर वो अट्रैक्टिव नहीं दिखेंगी तो रूसी सैनिकों की हैवानियत से बच जाएंगी।
रेप करके महिलाओं और बच्चियों के शरीर पर बना रहे नाजी निशान
यूक्रेन की सांसद लीजिया वासिलेंक ने रूसी सैनिकों को कटघरे में खड़ा किया है। कई सारे ट्वीट करके उन्होंने बताया है कि कैसे रूसी सैनिक यूक्रेनी महिलाओं के साथ दरिंदगी कर रहे हैं। पुतिन के सैनिक ना सिर्फ महिलाओं को निशाना बना रहे बल्कि 10 साल की बच्चियों के साथ भी रेप किया है। रेप करने के बाद वो बच्चियों और महिलाओं को फांसी पर लटका रहे हैं। साथ ही उनकी बॉडी पर नाजी निशान बना रहे हैं।
रेप के बाद हैवानियत से बचने के लिए महिलाएं कर रहीं सुसाइड
सांसद ने ट्वीट करके दावा किया कि सैनिक 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं का रेप कर रहे हैं। रेप के बाद उन्हें टॉर्चर भी कर रहे हैं। इस हिंसा से बचने के लिए कई महिलाओं आत्महत्या कर ली। वहीं, कुछ इतनी कमजोर थीं कि वो रेप के बाद बच नहीं सकीं। बता दें कि इस ट्वीट के बाद यूक्रेन के नागरिकों की जानबूझकर हत्या करने के सबूत सामने आने के बाद रूस की हर तरफ आलोचना हो रही है।
बूचा में आम नागरिकों पर रूसी सैनिकों की बर्बरता
रूस-यूक्रेन जंग में अब रूसी सैनिक कई इलाकों से पीछे हट रहे हैं। राजधानी कीव से पीछे हटने के दौरान पास के बूचा शहर में रूसी सैनिकों ने आम नागिरकों के साथ हैवानियत की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कीव और उसके आसपास के कई इलाकों से 410 यूक्रेनियों के शव मिले हैं। इस बात की पुष्टि कीव के सरकारी अभियोजक इरिना वेनेडिकोत्वा ने की थी। अब तक इस जंग में यूक्रेन के 1,417 लोग मारे गए और 2,038 लोग घायल हुए हैं।