Mahashivratri 2022: मासिक महाशिवरात्रि पर इन मंत्रों का करें जाप, बन जाएंगे काम!

जानिए मासिक शिवरात्रि 2022 तिथि और पूजन मुहूर्त


मासिक शिवरात्रि अप्रैल 2022 दिनांक: 29 अप्रैल, शुक्रवार।


तिथि शुरू: 12:26 अपराह्न, 29 अप्रैल


तिथि समाप्त: 12:57 अपराह्न, 30 अप्रैल।


पूजा का समय: 30 अप्रैल, 12:01 पूर्वाह्न - 30 अप्रैल, 12:46 पूर्वाह्न।

 





भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र पर्व महाशिवरात्रि का बड़ा महत्व है। भगवान शिव को भोलेभंडारी भी
कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जल्द प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। यदि इस दिन कोई भक्त पूरी
श्रद्धा के साथ शिव जी और पार्वती की पूजा करते हैं तो उनपर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। वैसे तो हर महीने
ही शिवरात्रि आती है लेकिन मासिक माह में आने वाली महाशिवरात्रि का अधिक महत्व है। हिंदू धर्म की मान्यताओं
के अनुसार जो भक्त इस दिन भगवान शिव की उपासना और व्रत करता है उसकी मनोकामनाएं शिवजी तुरंत
पूरी कर देते हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि की पूजा करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन
मंत्रों से जप से आपकी मनोकामनाएं शिवजी तुरंत पूरी करेंगे आइए जानें महाशिवरात्रि पूजा मंत्र।



महाशिवरात्रि पूजन विधि





वैसे तो 12 महीनों में हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि आती है लेकिन मास की

शिवरात्रि सभी की मनोकामनाओं की पूर्ण करने वाली होती है। महाशिवरात्रि वाले दिन सुबह जल्दी उठकर

स्नान कर मंदिर जाएं। इसके बाद सबसे पहले भगवान शिव और देवी पार्वती का स्मरण कर उनका

जलाभिषेक करें।



ऐसे करें महाशिवरात्रि पर शिवजी का अभिषेक





भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए सबसे पहले पंचामृत तैयार कर लें। इसके लिए दूध, दही,

शहद, देसी घी, और गंगाजल का पंचामृत तैयार कर लें। अभिषेक के बाद पान, सुपारी, लौंग,

इलायची, फूल, माला, धतूरा और बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करें।




शिवजी का अभिषेक करते हुए जपें यह मंत्र





भगवान शिव की अराधना करते समय आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि मंत्रों का उचारण

सही से किया जाए। जलाभिषेक करते समय भगवान शिव के षडाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का

जप करते रहें।



महाशिवात्रि पर पूजा और व्रत के साथ-साथ मंत्रों का महत्व भी बहुत है.

इस दिन भगवान शिव के भक्त कुछ मंत्रों का जप करके उन्हें खुश कर

सकते हैं. जानते हैं कौन-से हैं ये मंत्र



महाशिवरात्रि पर इन मंत्रों का करें जप


शिव गायत्री मंत्र


ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।


शिव गायत्री मंत्र का जप करने से मनुष्य का कल्याण होता है ऐसा शिवपुराण में बताया गया है।

महाशिवरात्रि के अलावा यदि कोई सोमवार का व्रत रखता है तो वह भी इस मंत्र का जप हर

सोमवार को पूजा के समय कर सकता है। मान्यता है कि पवित्र मन से यदि इस मंत्र का

जप किया जाए तो रोगों से मुक्ति मिलती है साथ ही अनजाने में किए पापों का नाश होता है

और मानसिक शांति मिलती है।


मूल मंत्र


ऊँ नम: शिवाय।। 




महामृत्युंजय

गायत्री मंत्र

 

ऊँ हौंजूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।


मान्यता है कि महामृत्युंजय गायत्री मंत्र काफी फलदायी है। हांलाकि, इस मंत्र का जप करते हुए

कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। इस मंत्र का जप करते हुए उच्चारण सही से करें।

जप करते हुए धूप और घी का दीपक जलते रहना चाहिए। रूद्राक्ष की माला के साथ जप करने

से अधिक लाभ मिलता है।



शिव ध्यान मंत्र


ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं।

रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।।

पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं।

विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।




साढ़े साती के लिए शिवजी का मंत्र


”हृीं ओम् नमः शिवाय हृीं”



महाशिवरात्रि पर चारों पहर के मंत्र


1 – ‘ॐ हीं ईशानाय नम:’

2 – ‘ॐ हीं अधोराय नम:’

3 – ‘ॐ हीं वामदेवाय नम:’

4 – ‘ॐ हीं सद्योजाताय नम:’




अन्य मंत्र


ॐ शिवाय नम: , ॐ सर्वात्मने नम:, ॐ ईशानाय नम:, ॐ अनंतधर्माय नम:, ॐ त्रिनेत्राय नम: ,

ॐ हराय नम:, ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:, ॐ प्रधानाय नम:, ॐ इन्द्रमुखाय नम:,

ॐ श्रीकंठाय नम: , ॐ वामदेवाय नम:, ॐ तत्पुरुषाय नम:, ॐ महाकालाय नम:,

ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ, ॐ नमः शिवाय |





शिव मंत्र- क्रोध शांत करने के लिए


देवदेव महादेव नीलकंठ नमोस्तु ते।

कुर्तमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव।।

तव प्रभावाद्धेवेश निर्विघ्नेन भवेदिति।

कामाद्या: शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि।।


महाशिवरात्रि के दिन इन बातों का रखें खास ख्याल


यदि आप चाहते है की महाशिवरात्रि के दिन महादेव आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें इसके लिए

आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा। इस दिन भूलकर भी मन में गलत विचार न लाएं। किसी

का अपमान ना करें और क्रोध से भी दूरी बनाए रखें।

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