Somvati Amavasya 2022: इसके बाद इस साल में नहीं आयेगी सोमवती अमावस्या, जानें तिथि पूजा विधि!

हिंदू धर्म शास्त्रों में सोमवती अमावस्या का बड़ा महत्व है. इस दिन महिलायें पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं.




Somvati Amavasya 2022 Puja Vidhi Date:

 

सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2022) कहा जाता है. इस अमावस्या का सुहागिन महिलाओं द्वारा काफी बेसब्री से इन्तजार किया जाता है. हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या को बहुत शुभ फलदायी माना गया है. इस दिन सुहागिन महिलायें पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैंऔर पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं|


यह सोमवती अमावस्या इस साल की है अंतिम सोमवती अमावस्या

हिंदू पंचांग के मुताबिक साल 2022 में केवल 2 सोमवती अमावस्या पड़ रही है. जिसमें पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी को थी. उसके बाद इस साल की दूसरी और अंतिम सोमवती अमावस्या 30 मई के दिन पड़ेगी. इसके बाद इस साल कोई भी सोमवती अमावस्या नहीं पड़ेगी. इस लिए इस सोमवती अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है|


सोमवती अमावस्या कब?

साल 2022 की पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी को थी जबकि दूसरी सोमवती अमावस्या 30 मई के दिन पड़ेगी|


सोमवती अमावस्या पूजा विधिः

सोमवती अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना उत्तम माना गया है. स्नान के बाद तांबे के लोटे में पवित्र जल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. उसके बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें. अब सुहागिन महिलाएं पीपल के पेड़ की विधि-विधान के साथ पूजा करें और परिक्रमा करें. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि परिक्रमा से वैवाहिक जीवन सुखी होता है और पति को लंबी आयु प्राप्त होती है|

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