जहांगीरपुरी: बुलडोजर ने तोड़ा मस्जिद का चबूतरा, मंदिर का हिस्सा बाल-बाल बचा!

 दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी के हिंसा प्रभावित इलाके (Jahangirpuri Violence) में नगर निगम की टीम ने आज अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चलाना शुरू कर दिया था. लेकिन बिना नोटिस दिए की जा रही इस कार्रवाई के खिलाफ़ याचिका डाली गई. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम को कार्रवाई रोकने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि यथास्थिति बनाए रखें. अब इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई होगी. हालांकि, ANI के मुताबिक कोर्ट के इस आदेश के बाद भी काफी देर तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भवनों और दुकानों को तोड़ने का काम नहीं रोका. इसे लेकर आजतक से बातचीत में MCD कमिश्नर का कहना था,





‘अभी हमें लिखित जानकारी नहीं मिली है. हम अतिक्रमण हटा रहे हैं. ये हमारी रेगुलर कार्रवाई है. इस साल हम इस इलाके में 11 बार अतिक्रमण हटाने का काम कर चुके हैं. बीती 11 अप्रैल को भी हमने कार्रवाई की थी.’


ANI के मुताबिक नगर निगम की इस कार्रवाई के दौरान जहांगीरपुरी में एक मस्जिद के बाहर भी बुलडोजर चला. मस्जिद के बाहर बने एक चबूतरे को एमसीडी ने तोड़ दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.


मंदिर का हिस्सा ऐसे टूटने से बचा

जहांगीरपुरी में मौजूद दी लल्लनटॉप के रिपोर्टर अभिनव के मुताबिक मस्जिद के बाद MCD का बुलडोजर एक मंदिर का एक हिस्सा तोड़ने के लिए आगे बढ़ा. लेकिन, बुलडोजर चल पाता, उससे पहले ही CPI-M की नेता वृंदा करात कोर्ट का ऑर्डर लेकर उसके सामने आ गईं और इस तरह मंदिर का हिस्सा टूटने से बच गया.


कैसे रुकी कार्रवाई?

सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे इस मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद के वकील हैं. जमीयत ने ही बुधवार सुबह सुप्रीम कोर्ट से जहांगीरपुरी में नगर निगम की कार्रवाई रोकने की अपील की थी. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बुलडोजर न रोके जाने की खबर आते ही एडवोकेट दुष्यंत दवे ने चीफ जस्टिस एनवी रमना को जहांगीरपुरी के ताजा हालात के बारे में दोबारा जानकारी दी. उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है. ऐसी में दिल्ली नगर निगम के मेयर और कमिश्नर को सुप्रीम कोर्ट का आदेश तुरंत लागू करवाने को कहा जाए.


NDTV के मुताबिक दवे ने कहा,


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बुलडोजर नहीं रोका गया. इससे बहुत गलत संदेश जा रहा है. ये पूरी तरह गलत बात है. स्थानीय निकाय का यह कदम असंवैधानिक, अनैतिक और गैर कानूनी व मनमाना है.


इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेक्रेटरी जनरल को आदेश दिया कि वे दिल्ली पुलिस के मुखिया राकेश अस्थाना और MCD से कार्रवाई रुकवाने को कहें. बताते हैं कि इसके बाद जहांगीरपुरी में नगर निगम की कार्रवाई रुकी

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