Nadia Rape Case. बीती 4 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले से एक नाबालिग लड़की के कथित गैंगरेप और हत्या का मामला सामने आया. आरोप लगे बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी TMC के एक नेता के बेटे पर. राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने प्रदर्शन किया. ममता बनर्जी की सरकार पर सवाल उठाए. आरोपियों को सज़ा दिलाने की मांग की. इस बीच 10 अप्रैल को पीड़िता की मौत हो गई.
इसके बाद, 11 अप्रैल को ममता बनर्जी का एक विवादास्पद बयान आया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ये एक लव अफेयर था और लड़की के परिवार को भी इसकी जानकारी थी. ये तक पूछ लिया कि यह रेप था या लव अफेयर, किसी ने जांच की है?
बात जांच पर आई तो बता दें 12 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि मामले की जांच CBI करेगी. आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस की जांच में बहुत खामियां हैं, जो साफ़ नजर आ रही हैं. इसलिए पश्चिम बंगाल पुलिस इस मामले से जुड़ी तमाम जानकारी सीबीआई को सौंपे.
मामला सामने आने के बाद से ही लगातार बयान आ रहे हैं. कभी सत्ता के, कभी विपक्ष के. ख़ूब राजनीति हो रही है, लेकिन उस दिन हुआ क्या था, ये अभी भी साफ़ नहीं है. इंडिया टुडे से जुड़े रित्तिक मंडल ने क्राइम सीन और आस-पास के इलाक़ों में लोगों से बात की है, जिससे कुछ बहुत जरूरी जानकारी सामने आई है.
उस दिन क्या हुआ था?
मृतका के माता-पिता के मुताबिक़, लड़की एक स्थानीय TMC नेता के बेटे की बर्थडे पार्टी में शामिल होने गई थी.
मृतका के गांव से घटना स्थल की ओर जाने के लिए दो अलग-अलग रास्ते हैं. पहला, श्यामनगर गांव से आती हुई सड़क, जो गांव के नज़दीकी बाजार से होते हुए निकलती है. इस रास्ते से पीड़िता के घर और आरोपी के घर के बीच चार किलोमीटर की दूरी है. दूसरे रास्ते से तीन किलोमीटर. मृतका के पिता के अनुसार, वो शाम चार बजे घर से निकली थी. लेकिन अभी तक इस बात ती पुष्टि नहीं हो पाई है कि पीड़िता किस रास्ते से गई थी.
केस डायरी के मुताबिक़, लौटते वक़्त पीड़िता ने दूसरी सड़क ली. 3 किलोमीटर वाला छोटा रास्ता. चश्मदीदों ने बताया कि शाम के साढ़े छह बजे वो इसी सड़क के किनारे बैठी नज़र आई थी. जिस जगह पर पीड़िता को देखा गया, वो आरोपी के घर से करीब 2 किलोमीटर दूर है.
मठपारा की वो जगह जहां सड़क किनारे बैठी थी पीड़िता (फोटो – इंडिया टुडे)
गजना ग्राम पंचायत के श्यामनगर क्षेत्र की निवासी पोली बिस्वास ने पीड़ित लड़की को घर छोड़ा था. पोली ने घटना की जानकारी दी है. उन्होंने बताया,
“मैं एक भतीजे के साथ अपने दादा-दादी के घर जा रही थी. रास्ते में मैंने देखा कि दो आदमी बाइक पर थे और लड़की सड़क के किनारे बैठी थी. मैंने लड़की को क्रॉस किया था, फिर दोनों बाइक सवारों ने मुझे बुलाया मुझसे पूछा कि क्या मैं लड़की को जानती हूं? मैंने उसकी ओर देखा और कहा कि मैं उसे नहीं पहचानती.
मैं उसके पास गई और उससे पूछा कि वो कहां से है? उसने बताया कि वो सासन पारा से है और वो एक दोस्त की बर्थडे पार्टी में गई हुई थी, जिसकी वजह से उसे लेट हो गया. ये भी बताया कि उसे बहुत बुरा सिरदर्द है, इसलिए वो सड़क के किनारे बैठी है. उसने मुझे उसको घर छोड़ने को कहा. तो मैंने कहा, ठीक है. तुम अपनी साइकिल ले लो और मैं तुम्हें छोड़ दूंगी. लेकिन उसने कहा कि वह साइकिल चला नहीं पाएगी. वो नॉर्मली बात कर रही थी, इसलिए मुझे कुछ ग़लत नहीं लगा. फिर मैंने उसे साइकिल के पीछे बैठने को कहा और दोनों बाइक सवारों को हमारे साथ चलने की रिक्वेस्ट की. दोनों लड़के साथ आए.
जब मैं उसे घर छोड़ने गई, तो उसकी मां खाना बना रही थी. क़रीब 6 या 7 बज रहे होंगे. वो अकेली ही थी. मुझे नहीं पता कि वो नशे में थी या नहीं, क्योंकि वो नॉर्मली ही बात कर रही थी.”
बाइक सवारों पर सवाल
इस मामले में दोनों बाइक सवारों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है. पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि इन दोनों ने लड़की को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया था.
रित्तिक मंडल ने उन दो बाइक सवारों में से एक से बात की. मठपारा के अनीश मंडल. अनीश का घर वहीं है, जहां लड़की बैठी हुई थी. उसने स्वीकार किया कि उसने उस शाम पीड़ित लड़की को सड़क के किनारे बैठा पाया था. बताया,
“मैंने और मेरे दोस्त ने उस लड़की को सड़क के किनारे बैठे देखा. वो असहज लग रही थी. उसकी साइकिल सड़क के बीच में खड़ी थी. मैंने उसे साइकिल को बीच से हटाने के लिए कहा. तब वहां से एक महिला (पोली बिस्वास) गुज़री. हमने उससे पूछा कि क्या वो लड़की को जानती है? इसके बाद ही महिला नाबालिग लड़की के पास गई. लड़की ने उससे अपने घर वापस जाने का अनुरोध किया. हम महिला के साथ गए. हम नहीं जानते कि पीड़ित परिवार हमपर उंगली क्यों उठा रहा है? हम तो उन्हें जानते तक नहीं हैं. हमने उन्हें धमकी नहीं दी. हम सीबीआई टीम का पूरा सहयोग करेंगे.”
मामले की जांच चल रही है और राजनीति भी. परिवार ने आरोप लगाया कि TMC नेता और उनका बेटा उन्हें धमका रहे थे, जिस कारण वो पीड़िता को डॉक्टर के पास नहीं ले जा सके.