भगवान को इस तरह से लगाते हैं भोग तो आज से अपनाएं ये नियम, माना जाता है इनके पालन से मिलता है दोगुना फल!

सनातन धर्म में भगवान की पूजा (Puja) अर्चना करते वक्त भगवान को नेवैद्य यानी भोग ( bhagwan ka bog) लगाने की परंपरा चली आ रही है. अपने आराध्य को उनका मनचाहा भोग लगाकर भक्त भगवान को प्रसन्न करते हैं. खासकर तीज-त्योहार और घर में होने वाले मांगलिक कार्यक्रमों के दौरान भगवान को विशेष पकवानों के भोग लगाए जाते हैं. लेकिन कई लोग भोग लगाने का महत्व और इसके नियम पूरी तरह नहीं जानते हैं, इसलिए यह जानना जरूरी है कि भगवान को अर्पित किए जा रहे भोग को लेकर सही नियम क्या हैं. माना जाता है कि इन नियमों (Prasad offering rules) का पालन करके ही आपका भोग स्वीकार्य स्थिति में आएगा और भगवान प्रसन्न होंगे. कई बार अनजाने में भोग लगाते वक्त ऐसी गलतियां हो जाती हैं कि भोग का फल व्यर्थ चला जाता है.
भोग का समय - भोग के समय का खास ध्यान रखना चाहिए. जिस वक्त पूजा कर रहे हैं, उस वक्त भोग लगाना चाहिए. इसके लिए घर के सभी लोगों को साथ होना चाहिए. भोग लगाने के बाद भगवान के सामने कुछ देर तक उस भोग को रखें और फिर पूजा के बाद सभी लोगों में बांट देना चाहिए.

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