ब्रिटेन पहुंचीं यूक्रेनी महिलाओं को शेयरिंग बेड की पेशकश:UN ने ब्रिटेन सरकार को किया आगाह, मर्द मदद के नाम पर दे रहे धोखा!

 यूक्रेन पर हमले के बाद से लाखों बेघर हो चुके हैं। ऐसे में ब्रिटेन ने बेघरों को आश्रय मुहैया कराने के लिए ' होम फॉर यूक्रेन' नाम से एक परियोजना शुरू की है। इसके तहत ब्रिटिश लोग यूक्रेन के लोगों को अपने घरों में 6 महीने तक पनाह दे सकते हैं। एक हफ्ते में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने शरणार्थियों के लिए पनाह के लिए घर ऑफर किए हैं। यूक्रेन में रूस का हमला शुरू होने के बाद अब तक लगभग 30 लाख लोग पलायन कर चुके हैं।





पनाह देने के नाम पर महिलाएं बन रही शिकार

यूनाइडेट नेशंस हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी (UNHCR) ने सिंगल पुरुषों की तरफ से महिलाओं को शरण देने के प्रस्ताव को लेकर आगाह किया है। यूएन का कहना है कि पुरुष पनाह देने के नाम पर महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। वह मदद के नाम पर युद्ध से भाग रहीं महिलाओं के साथ बेड शेयर करने का प्रस्ताव रख रहे हैं। हालांकि 16 शरणार्थी संगठनों और एंटी ट्रैफिकिंग आर्गनाइजेशन ने इसे लेकर पहले ही चेतावनी दी थी। यूके के कम्युनिटी सेक्रेटरी को लिखे एक पत्र में कहा गया है कि यह सेक्स ट्रैफिकर्स के लिए एक मौका साबित हो रहा है। अपराधी महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाने लगे हैं।


24 फरवरी, 2022 को रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन छोड़ने वालों लगभग सभी महिलाएं और बच्चे हैं। पुरुषों को देश छोड़ने की इजाजत नहीं है।


हालात पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत

लोकल गवर्नमेंट एसोसिएशन (एलजीए) के अध्यक्ष जेम्स जैमीसन ने भी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि दिन पर दिन यूक्रेनी शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है। ब्रिटिश सरकार को यह इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इस जंग में बच्चों और महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हुई है। लोगों को उनके परिवार से मिलवाने की कई तरह से प्रक्रिया भी चल रही है। असुरक्षित लोगों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। फेसबुक के माध्यम से भी लोगों को अवेयर किया जा रहा है।


कई देशों ने की शरणार्थियों की मदद

जेम्स जैमीसन ने कहा, हमें डर है कि केवल 3,200 यूक्रेनी वास्तव में कार्यक्रम के माध्यम से ब्रिटेन पहुंचे थे। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 24 फरवरी के रूसी अटैक के बाद कुल मिलाकर 40 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर भागे हैं। सबसे अधिक पोलैंड में लोगों ने शरण ली है। रोमानिया, हंगरी, मोल्दोवा और स्लोवाकिया ने भी हजारों लोगों ने पनाह ली है।


महिलाएं मानव तस्करी का भी शिकार हो रही हैं। नागरिकों को निशाने पर लेकर किए जा रहे रूसी हमलों से बचने के लिए, ये महिलाएं और बच्चे मुख्य रूप से पोलैंड और अन्य यूरोपीय देशों का रुख कर रहे हैं, जहां वीजा नियमों में नरमी है।


मदद के नाम पर हो सकती है महिलाओं की तस्करी

इन संगठनों का कहना है कि ज्यादातर लोग कहते हैं कि उन्हें एक अविवाहित महिला की जरूरत है जो उनके बच्चों की देखभाल कर सकें। जैमसीन ने कहा, हमें चिंता है कि यह योजना मानव तस्करी शुरू कर सकती है। हम बहुत से ऐसे लोगों को जानते हैं जो सोशल मीडिया पर अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए घर में रहने का ऑफर देकर महिलाओं और बच्चों को गलत कामों में धकेला जा सकता है।


आसरे की तलाश में यूक्रेन से भागी महिलाएं

यूक्रेन की शरणार्थी महिलाओं और लड़कियों के साथ उन जगहों पर बलात्कार किया जा रहा है जहां वह सुरक्षा की उम्मीद में पहुंची थीं। यूक्रेनी किशोर लड़कियां आसरे के लिए जिन देशों में पहुंच रही हैं, उन देशों में निवासियों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की भी खबरें हैं। पोलैंड में, एक व्यक्ति को मार्च के मध्य में एक 19 वर्षीय यूक्रेनी शरणार्थी के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ऐसा अनुमान है कि 5 में से 1 शरणार्थी महिला और लड़कियां घर से अपनी यात्रा के दौरान, साथ ही शरणार्थी शिविरों और आश्रयों जैसे स्थानों में यौन हिंसा का सामना करती हैं। ये महिलाएं मानव तस्करी का भी शिकार हो सकती हैं। नागरिकों को निशाने पर लेकर किए जा रहे रूसी हमलों से बचने के लिए, ये महिलाएं और बच्चे मुख्य रूप से पोलैंड और अन्य यूरोपीय देशों का रुख कर रहे हैं, जहां वीजा नियमों में नरमी है।


18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुषों और लड़कों को रूसी सेना के खिलाफ देश की रक्षा के लिए यूक्रेन में रहना आवश्यक है।


हर 5 में से एक महिला दुर्व्यवहार की शिकार

यूक्रेनी किशोर लड़कियां आसरे के लिए जिन देशों में पहुंच रही हैं, उन देशों के लोग उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। पोलैंड में, एक व्यक्ति को मार्च में एक 19 वर्षीय यूक्रेनी शरणार्थी के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ऐसा अनुमान है कि 5 में से 1 शरणार्थी महिला और लड़कियां घर से अपनी यात्रा और शरणार्थी शिविरों में यौन हिंसा का सामना कर रही हैं।



देश के बुरे हालात पर सैनिकों को चिंता

पोलैंड में यौन तस्करी के बढ़ते मामले से पूर्व ब्रिटिश सैनिक दंग रह गए। उनका कहना है कि उम्मीद भी नहीं थी कि जंग के बीच इतने बुरे हालात हो जाएंगे। रूसी आक्रमण के बीच लाखों महिलाओं और बच्चों के यूक्रेन की सीमाओं की तरफ भागने के मद्देनजर इन बेहद संवेदनशील शरणार्थियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाने और अन्य तरह के शोषण का शिकार होने से रोकने को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। अब पोलैंड के सबसे व्यस्त चौराहे के आसपास दस सुरक्षा विशेषज्ञों की टीम तैनाती की गई है ताकि महिलाओं और बच्चों की रक्षा की जा सके।

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